महाकाल मंदिर प्रांगण उज्जैन में औरंगजेब का शिलालेख

“महाकाल मंदिर प्रांगण उज्जैन में औरंगजेब का शिलालेख”

मैं अपने मित्र के साथ महाकाल मंदिर , उज्जैन में दर्शन के लिए वीआईपी गेट से जा रहा था,
अचानक मैंने देखा महाकाल मंदिर के गर्भ गृह के ऊपर एक शिलालेख लगा हुआ है जिसमें लिखा है कि —

उक्त शिलालेख देखकर मैं हतप्रभ रह गया, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हिंदुओं के सबसे महान तीर्थ स्थान श्री महाकाल मंदिर प्रांगण में दुनिया के सबसे क्रूर , हिंदू मंदिरों को तोड़ने वाले , हिन्दुओ पर भीषण अत्याचार करने वाले औरंगजेब के गौरव करने वाला शिलालेख लगा है, मैंने गूगल पर तथा इतिहास की किताबों का अध्ययन करना प्रारंभ किया,मुझे किसी भी ऐतिहासिक किताब में इस तरह की कोई भी घटना नजर नहीं ,तत्पश्चात मैंने श्री महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति उज्जैन से आरटीआई कानून के तहत जानकारी मांगी की ,कृपया बताएं कि आपने यह शिलालेख किस संदर्भ के तारतम्य मे महाकाल मंदिर प्रांगण में लगाया है.

मेरे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देते हुए कार्यालय श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन द्वारा मुझे सूचित किया गया कि मंदिर समिति द्वारा मंदिर प्रांगण में इस तरह का कोई भी शिलालेख नहीं लगवाया गया है ,ना ही इस तरह का कोई आदेश जारी किया गया है. तत्पश्चात मेरे द्वारा एक आवेदन पत्र कार्यालय श्री महाकालेश्वर ,मंदिर समिति, उज्जैन को तथा माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी , प्रधानमंत्री भारत सरकार को प्रेषित किया कि जब “महाकाल मंदिर समिति उज्जैन द्वारा इस तरह के शिलालेख लगवाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है तो इस शिलालेख को तत्काल मंदिर प्रांगण से हटाया जाए
मेरे पत्र के जवाब मे लिखित में तथा दूरभाष पर कार्यालय श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति उज्जैन द्वारा मुझे सूचित किया गया कि उक्त शिलालेख को हटा दिया गया है और अब इस तरह का कोई भी शिलालेख मंदिर प्रांगण मे नहीं है. एक विध्वंसक, एक दुर्दांत, एक आतंकवादी , मानव इतिहास का कंलक औरंगजेब के नाम की शिलालेख को श्री महाकाल मंदिर के प्रांगण से हटवा कर, मै अद्भुत आध्यात्मिक सुख का अनुभव कर रहा हूं ,मेरा मनुष्य का जीवन सार्थक हो गया है.

“जय श्री महाकाल”


जयदीप सिंह चौहान
भोपाल, मध्यप्रदेश