नई दिल्ली- बॉलीवुड में आज हर नई एक्ट्रेस विद्या बालन जैसी सफलता पाने के सपने देखती हैं. यह भी सच है कि विद्या जैसा बनने के लिए उनकी तरह तपना भी पड़ेगा, जो हर किसी के बस की बात नहीं है. आज हर कोई भले विद्या की एक्टिंग का लोहा मानता हो, पर एक समय ऐसा था, जब कोई उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए तैयार नहीं होता था. उन्होंने सफलता पाने के लिए काफी संघर्ष किया है. हाल में एक इंटरव्यू में विद्या ने अपने संघर्ष के दिनों से जुड़ी कई बातें बताई हैं.
विद्या के संघर्ष के दिन तब शुरू हुए थे, जब वह टीवी की दुनिया से निकलकर फिल्मों की दुनिया में जाने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने साउथ की फिल्मों के लिए भी ऑडिशन दिए थे, पर उन्हें हर बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. वे अक्सर रात को सोते समय रोती थीं और कई बार रोते-रोते ही सो जाती थीं. एक समय ऐसा भी आया, जब विद्या को लगने लगा था कि फिल्मों में एक्ट्रेस बनने का उनका सपना अधूरा रह जाएगा.
विपरीत हालात होने के बावजूद विद्या ने कोशिश करना बंद नहीं किया. किस्मत ने पलटी खाई और उन्हें 2005 में विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘परिणीता’ में काम करने का मौका मिला. फिल्म काफी सराही गई और विद्या बालन लोगों की नजरों में आईं. विद्या को बॉलीवुड में काम करते हुए 15 साल हो गए हैं. इस दौरान उन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं, पर उन्होंने बेहतर से बेहतर करने की अपनी कोशिश बंद नहीं की है. यही वजह है कि आज फिल्म इंडस्ट्री में हर कोई उनका नाम बड़ी अदब के साथ लेता है.