छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज ‘सुपरमॉम’ मैरीकॉम और पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे। सोमवार को इस बात की जानकारी आईओए ने दी। बता दें कि ओलंपिक का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई को होगा। वहीं, आठ अगस्त को इस खेलों का समापन होगा। इसके अलावा समापन समारोह में पहलवान बजरंग पूनिया को भारतीय दल का ध्वजवाहक चुना गया है।
पहली बार हुआ है ऐसा
पहली बार ऐसा हुआ है जबकि ओलंपिक में भारत के दो ध्वजवाहक (एक पुरुष और एक महिला) होंगे। आईओए प्रमुख नरिंदर बत्रा ने हाल ही में आगामी टोक्यो खेलों में ‘लैंगिक समानता’ को सुनिश्चित करने के लिए इस बात की जानकारी दी थी। रियो डी जनेरियो में 2016 खेलों के उद्घाटन समारोह में देश के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ध्वजवाहक थे। कोविड-19 महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक में 100 से अधिक भारतीय खिलाड़ी भाग लेंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पिछले साल कार्यकारी बोर्ड की बैठक में उद्घाटन समारोह में महिला और पुरुष ध्वजवाहकों के लिए प्रावधान किया था। मैरीकॉम ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मुझे यह अवसर मिला। मैं साई, आईओए, खेल मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं। हर किसी के लिए यह मौका देना आसान नहीं है।’
नया इतिहास रच सकती हैं ‘सुपरमॉम’
ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने वाली पहली महिला मुक्केबाज मैरीकॉम इस बार दूसरा पदक दिलाकर नया इतिहास रच सकती हैं। एशियाई खेलों में दो स्वर्ण दिला चुकी। राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन रही हैं। एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस साल एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची हैं। 38 साल की मुक्केबाज का यह अंतिम ओलंपिक माना जा रहा है और वे इसे यादगार बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी।
बजरंग पूनिया मचा सकते हैं धमाल
65 किग्रा फ्री स्टाइल में बजरंग पूनिया धमाल मचा सकते हैं। इस लिए उनसे पदक की उम्मीदें हैं। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले विश्व चैंपियन बजरंग पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। 27 वर्षीय बजरंग पूनिया ने नुर सुल्तान टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक का टिकट हासिल किया था। टोक्यो ओलंपिक में बजरंग को 65 किग्रा फ्री स्टाइल में दूसरी वरीयता दी गई है। उन्हें इस बार ओलंपिक में पदक जीतने का दावेदार माना जा रहा है। टोक्यो ओलंपिक में उनको सबसे बड़ी चुनौती राशिदोव से मिल सकती है। इसके अलावा दौलेत नियाजबेकोव, इम्माइल मुसुकाजेव और तकूतो ओटोगुरो जैसे पहलवानों को उन्हें पदक जीतने के लिए चित करना होगा।