प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश में ऑक्सीजन के मसले पर हाई-लेवल मीटिंग की। इसमें उन्होंने देश में ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाने और उसकी सप्लाई का रिव्यू किया। मोदी ने कहा कि देश में 1500 से अधिक PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन प्लांट्स के जरिए 4 लाख से अधिक ऑक्सीजन बेड को सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्लांट जल्द से जल्द काम करने लगें, इसके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं। इस दौरान मेडिकल ऑक्सीजन का प्रोडक्शन और स्टॉक बढ़ाने के लिए जरूरी कदम पर भी चर्चा हुई। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश को ऑक्सीजन की किल्लत से जूझना पड़ा था। समय पर ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से कई मरीजों की जानें गई थीं। इसके बाद से ही सरकार ने ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए थे।
PM के रिव्यू की अहम बातें
- ऑक्सीजन प्लांट्स को चलाने और उसके रखरखाव के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाए, ताकि जरूरत के समय किसी भी तरह की दिक्कत से निपटा जा सके।
- इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्सीजन प्लांट्स की परफॉर्मेंस और फंक्शनिंग को ट्रैक करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
तीसरी लहर की आशंका के बीच मीटिंग
PM मोदी की यह हाईलेवल मीटिंग देश में तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच हुई। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगस्त-सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में सरकार देश में दवाओं और ऑक्सीजन जैसे जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुट गई है।
इससे पहले मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के लिए नए कोरोना इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया था। 23,220 करोड़ के पैकेज का फोकस बच्चों पर है। इसमें 15,000 करोड़ रुपए का योगदान केंद्र और 8000 करोड़ रुपए का योगदान राज्यों की ओर से किया जाएगा। इसके तहत उन जिलों में 5000 और 2500 बेड वाले फील्ड अस्पताल बनाने का भी प्रावधान है, जिनमें कोरोना मामले ज्यादा आ रहे हों। पैकेज की एक बड़ी बात ये है कि देश के हर जिला अस्पताल में 10,000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता विकसित की जाएगी।