वॉशिंगटन और मॉस्को के तनाव के बीच रूस ने एंटी शिप हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन का सफल परीक्षण किया है। जिरकॉन एक एंटी शिप मिसाइल है। रूस ने इसका सफल परीक्षण किया है। यह माना जा रहा है कि अगले साल तक इस मिसाइल को सक्रिय कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि अमेरिका के पास अभी भी कोई ऑपरेशनल हाइपरसोनिक मिसाइल नहीं है। रूस के इस मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका का कहना है कि इससे शस्त्रों की होड़ बढ़ेगी और क्षेत्रीय स्थिरता में खलल होगा।
हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन की खूबियां
- यह मिसाइल ध्वनि की 7 गुना रफ्तार या मैक 7 की गति से दुश्मन पर प्रहार करने में सक्षम है। हालांकि, परीक्षण के दौरान मिसाइल ने 8600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की।
- मिसाइल दागे जाने के मात्र ढाई मिनट के अंदर अपने टारगेट को तबाह कर दिया। रूस की योजना अपनी सेना को हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस करने की है, ताकि वे किसी भी अमेरिकी डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर अपने लक्ष्य को तबाह कर सकें।
- इसके पूर्व एडमिरल गोर्शकोव से ही तीन बार जिरकॉन मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह परीक्षण व्हाइट सी में किया गया है और बैरंट सी के तट पर एक जमीनी टारगेट को तबाह किया गया।
- रूस ने एलान किया था कि वह 2021 में 200 मिसाइलों का परीक्षण करेगा। रूसी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि इन 200 मिसाइलों का परीक्षण राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में किया जाएगा। इसके पूर्व 2020 में भी रूस ने करीब 200 मिसाइलों का परीक्षण किया था।
पुतिन ने अमेरिका को दी थी चेतावनी
वर्ष 2018 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि यह मिसाइल दुनिया के किसी भी हिस्से पर हमला कर सकती है और अमेरिका के बनाए डिफेंस सिस्टम को भी चकमा दे सकती है। उस वक्त पुतिन ने धमकी दी थी कि अगर अमेरिका ने अपनी मध्यम दूरी की मिसाइलों को यूरोप में तैनात किया तो वह अपने युद्धक जहाजों और सबमरीन को जिरकॉन मिसाइल से लैस कर देंगे।