डिफेंस कंपनियों की लॉन्चिंग पर बोले PM मोदी- हमारा मकसद दुनिया का नेतृत्व करना है

आत्मनिर्भरता के साथ भारत को बनाना है सबसे बड़ी मिलिट्री पावर – PM मोदी

भारत में बनेंगे पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन

दशहरे के दिन भारत में शस्त्र पूजन की परंपरा रही है और इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को 7 डिफेंस कंपनियां समर्पित की हैं। रक्षा उपकरणों, हथियारों और वाहनों के निर्माण के लिए बनीं 7 नई कंपनियों की लॉन्चिंग के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें देश को हथियारों एवं रक्षा उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को सबसे बड़ी मिलिट्री पावर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इन कंपनियों के जरिए देश को हथियार, सैन्य वाहन, उपकरण एवं उन्नत तकनीक हासिल हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन कंपनियों को मजबूती प्रदान करने के लिए पहले ही 65,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादों की बेहतर कीमत हमारी ताकत और क्वालिटी हमारी छवि को मजबूत करेगी। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान का महत्व बताया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, रिसर्च और इनोवेशन से देश की परिभाषा तय होती है। यह भारत की ग्रोथ का सबसे अहम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमें इनोवेटर्स को पूरी आजादी देनी होगी ताकि वे देश के लिए नए-नए आविष्कार कर सकें।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते 5 सालों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 315 फीसदी की गति से आगे बढ़ा है. नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं इन सभी 7 कंपनियों से अपील करता हूं कि वे रिसर्च और इनोवेशन को अपने वर्क कल्चर में बढ़ावा दें. आपको फ्यूचर टेक्नोलॉजी में लीड करना होगा और रिसर्चर्स को मौके देने होंगे. मैं देश के स्टार्टअप्स से भी अपील करूंगा कि वे इन सातों कंपनियों के साथ मिलकर काम करें.

देश की संकल्प यात्रा का हिस्सा, सात नई कंपनियां 
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी आजादी के 75वर्षों में प्रवेश किया है। जो काम दशकों से अटके थे देश उन्हें पूरा कर रहा है। सात नई कंपनियों की शुरुआत देश की संकल्प यात्रा का हिस्सा है। यह निर्णय पिछले 15-20 साल से अटका हुआ था। मुझे भरोसा है सातों कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का आधार बनेंगी।

विश्वयुद्ध के समय दुनिया ने देखा भारत का दमखम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आर्डिनेंस फैक्ट्रियां दुनिया की शक्तिशाली फैक्ट्रियों के रूप में जानी जाती थीं। इनके पास लंबा अनुभव है। विश्व युद्ध के समय इनका दमखम दुनिया ने देखा है। आजादी के बाद इन फैक्ट्रियों को अपडेट करने की जरूरत थी, इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। समय के साथ भारत सामरिक जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर हो गया। इन परिस्थितियों से परिवर्तन लाने में ये कंपनियां भूमिका निभाएंगी।

आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का लक्ष्य 
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का लक्ष्य है। पिछले सात वर्षों में देश ने ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है। आजादी के बाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े रिफॉर्म हो रहे हैं। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है।

भारत में ही बनेंगे पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन तक
पीएम ने कहा कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। भारतीय सेना को मजबूती देने के लिए देश की सात रक्षा कंपनियां सैनिकों के लिए पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन बनाएंगी। इन कंपनियों को तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों से 65 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है।

इन सात नई रक्षा कंपनियों को किया गया है शामिल
इनमें एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड, म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, अवनी आर्मर्ड व्हीकल्स, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड, यंत्र इंडिया लिमिटेड हैं। ये कंपनियां गोला-बारूद और विस्फोटक, वाहन, हथियार और उपकरण, सैन्य सुविधा आइटम, ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स गियर, पैराशूट और सहायक उत्पादों का उत्पादन करेंगी। इन कंपनियों के हथियार निर्माण से भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी।