22 मार्च विश्व जल दिवस……… जल बचेगा तभी मानवता का अस्तित्व बचेगा….. धर्मेंद्र श्रीवास्तव…..

इंडियन न्यूज़ अड्डा

22 मार्च विश्व जल दिवस विशेष-: ✍✍

जल है, तो कल है, 

जल जीवन की जान है,
जल जीवन की खान,
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून……

भारत में औसतन प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 45 लीटर तक पानी व्यर्थ बहाता है,

यह उसके प्रति दिन 135 लीटर पानी की आवश्यकता का 30% है,

पानी के इस व्यर्थ बहाव को छोटे-छोटे उपाय कर बचाया जा सकता है,

हम अपनी सूझबूझ से (200000) लीटर पानी बचा सकते हैं,

अपने घर में ग्रे वाटर सिस्टम लगाकर यह वाशिंग मशीन वॉश बेसिन आदि के पानी को पुनः उपयोग के योग्य बना देता है,

जिसे हम फलों उद्यान नर्सरी फ्लैश आदि में उपयोग कर सकते हैं, (100000) लीटर पानी प्रतिवर्ष संग्रहित किया जा सकता है,

यदि हम छत के पानी को जमीन में उतार दे 1 वर्ग मीटर से प्रतिवर्ष 1000 लीटर वर्षा जल एकत्र हो सकता है,

100 वर्ग मीटर का प्रत्येक घर (100000) लीटर पानी जमीन में संग्रहित करवा सकता है,

हम सब मिलकर नलों से टपकने वाले पानी को रोककर (100000) लीटर पानी प्रतिवर्ष संग्रहित कर सकते हैं,

क्योंकि एक टपकने वाले नल से एक एक बूंद पानी भी टपकता है,

तो वर्ष में (100000) लीटर पानी यानी 200 टंकी पानी व्यर्थ होता है,

प्रतिवर्ष ₹35 अरब लीटर पानी मूल्य दे कर पी रहे हैं, भारतीय इस वर्ष यह 18% तक बढ़ जाएगा,

नलों से व्यर्थ बहते पानी का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है,

क्योंकि 80% ग्रामीण क्षेत्रों में नलों में टोटिया नहीं पाई जाती,

भारत सरकार की महती परियोजना

(जल जीवन मिशन) के अंतर्गत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, 

जिसमें मुख्य रुप से….. 

(ग्रामीण जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति) के प्रशिक्षण अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं,

ग्रामीण जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति….. 

चयनित ग्रामीणों का एक समूह है,

जिसमें मुख्य रुप से शासन के निर्देशानुसार….. 

ग्राम का मुखिया सरपंच अध्यक्ष की भूमिका में रहता है, और ग्राम पंचायत सरपंच के साथ कार्य करने वाले सचिव इसमें सचिव की भूमिका निभाते हैं,

मुख्य रूप से इसमें 80% महिला सदस्यों की सहभागिता रहती है,

विभिन्न स्वशासी संगठनों को शासन की योजना अनुसार करोड़ों की राशि आवंटित कर प्रतिवर्ष…. 

12 से 15 माह के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं जल निगम की सहयोगी संस्था के रूप में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां योजनाएं स्वीकृत हो चुकी है,

या योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है,

वहां विभिन्न माध्यमों से जैसे रात्रि चौपाल,

ग्राम पंचायत सरपंच सचिव ग्राम पंचायत के समस्त पंच गण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सचिवों एएनएम, आदि की ग्राम एवं ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाए लगाकर, लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है,

इसी कड़ी में ग्रामीण महिला पुरुषों को एकत्रित कर ग्राम के भौगोलिक चित्र को रंगोली के रंगों से उन्हीं की सहभागिता कर संस्था के प्रशिक्षित ब्लॉक लेवल के अधिकारी एवं फैंसी लेटर कम्युनिटी मोबिलाइजर एवं ग्रामीण वॉलिंटियर्स मिलकर इस कार्य को करते हैं, जिसमें शासन की नल जल योजना को चित्र के माध्यम से अंकित कर, ग्रामीणों को जल संरक्षण को लेकर जागरूक किया जाता है, और इस योजना के माध्यम से कैसे लोगों के घर तक नल के माध्यम से पानी पहुंचेगा यहां बताया जाता है ,इन सभी कार्यक्रमों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर ग्रामीण चौपाल एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से उपस्थित होकर,

जल जीवन मिशन जो कि भारत शासन की महत्वपूर्ण परियोजना है, और इसे भारतवर्ष के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है,

इसको लेकर ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं,

और इसे सफल बनाने हेतु समस्त ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित हो इसलिए भी विभाग के पदाधिकारी निरंतर क्षेत्र में प्रगतिशील होकर कार्यरत है।

लेखक………..

इंडियन न्यूज़ अड्डा से……. 

धर्मेंद्र श्रीवास्तव पिछले 15 वर्षों से क्षेत्र में संचालित विभिन्न जलक्रांति और महिलाओं से संबंधित उनके पुनरुत्थान को लेकर विभिन्न सेमिनार के माध्यम से प्रशिक्षण देते रहे हैं!