श्री दादा दयालु खेड़ापति धाम सरदारपुर…..🚩🚩
अखंड राम नाम धुन कीर्तन सप्ताह…….🚩🚩
दिनांक 10/04/ 2022 से…. रविवार संध्या बेला से
दिनांक 16/04/2022 शनिवार रात्रि 8:00 बजे तक आयोजक-: श्री द्वारका प्रसाद गोराणा
प्रथम श्रेणी ठेकेदार,
सरदारपुर जिला धार मध्य प्रदेश,
प्रतिदिन प्रातः (महा रुद्राभिषेक)🙏🙏
बटुक श्री प्रदीप मिश्रा द्वारा पठन-पाठन के साथ संपन्न करवाया जा रहा है,
(सन 1928 से होते आ रहे हैं,) 🚩🚩
अखंड कीर्तन……..
राम राम बोलो मन हरे राम बोलो रे…. 🚩🚩
बताया -: व्यवस्थापक श्री द्वारका प्रसाद गोराना ने,
श्री गोराना आगे बताते हैं,
कि अदृश्य संत की प्रेरणा से हमारे पूर्वजों ने इस प्रथा को आरंभ किया था जो अभी तक श्री राम भक्तों के सहयोग से अनवरत जारी है,
यह राम नाम संकीर्तन सप्ताह रामनवमी से आरंभ होकर हनुमान जयंती तक चलता है,
यह सात दिवसीय अखंड राम नाम धुन कीर्तन सप्ताह 24 घंटे रात दिन अखंड रूप से चलता है,
जिसमें 12 खंडों के माध्यम से महिला पुरुष बच्चे समस्त भक्तजन अपनी अपनी बारी के रुप में सम्मिलित होकर ढोल झांझ मंजीरा बजाकर,
हरे रामा हरे कृष्णा के कीर्तन के साथ अनवरत भक्ति करते हैं,
इस विशाल एवं भव्य मंदिर में बैठे श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज भक्तों के साथ स्वयं भी राम भक्ति में लीन होकर राम नाम का कीर्तन करते हैं, और भक्तों को दिव्य आशीर्वाद प्रदान करते हैं,
श्री गोराना ने आगे बताया कि हमारे पूर्वज नंदा बा को स्वप्न दर्श हुआ था,
और उसके पश्चात स्वयंभू श्री दादा दयालु हनुमान जी महाराज प्रकट हुए, तब ही से हमारी पीढ़ियां इनकी सेवा करती आ रही है,
अभी कुछ वर्षों से मेरे सुपुत्र रोहित गोराणा जो की प्रथम श्रेणी ठेकेदार है,
श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज का सेवा कार्य संभाल रहे हैं,
अगले 7 दिवस तक प्रभु श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज का रुद्राभिषेक भी जारी रहेगा, जिसके जजमान रोहित रहेंगे,
भजन कीर्तन के इस सप्ताह में प्रभु श्री हनुमान जी महाराज के दिव्य दर्शन की प्राप्ति होती है,
अष्ट खंभों से आच्छादित यह विशाल सभा मंडप एवं विशाल गर्भ ग्रह में विराजे दयालु सदैव राम भक्ति में लीन रहते हैं,
और यह परम दयालु है,
अखिल ब्रह्मांड की अनेक अनेक प्रति कृतियों में हनुमान जी के उल्टे हाथ में पर्वत है किंतु मध्य प्रदेश के धार जिले की सरदारपुर नगर में अखिल विश्व में यह पहला मंदिर है, जहां श्री हनुमान जी महाराज के दाहिने हाथ में पर्वत है, भक्तजन बताते हैं, कि हनुमान जी महाराज के सन्मुख आटे एवं सप्तधान्य के आटे से निर्मित 11,21,51 और 108 दीप प्रभु को अर्पित करने से मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है, और वह आरोग्य को प्राप्त करता है,
आगे गोराना जी बताते हैं,
कि संध्या आरती के पश्चात जो श्री राम स्तुति होती है, अबोध, किशोर, बालक या युवा वरिष्ठ भक्तजन यदि 7 दिवस तक इस श्री राम स्तुति में सम्मिलित होकर उसका गायन के साथ पठन करते हैं,
तो उनको जीवन पर्यंत यह श्री राम स्तुति कंठस्थ हो जाती है, लगभग 30 दशकों से चले आ रहे हैं,
इस राम नाम धुन संकीर्तन सप्ताह मे, महिला पुरुष श्री राम और हनुमान की भक्ति में लीन होकर आनंद से भावविभोर होकर भक्ति रस में डूब जाते हैं, परंपरा अनुसार नगर के विभिन्न सामाजिक परिवारों से पीढ़ी दर पीढ़ी यह परंपरा भगवान श्री राम एवं हनुमान जी महाराज की कृपा से अनवरत अपने परिवार के बच्चों में एक दूसरे में प्रसारित होती जा रही है,
इस महान परंपरा को कुछ दशकों से आगे बढ़ाने में विशेष सहयोग, तिवारी परिवार के प्रबुद्ध मेघावी हनुमान भक्त सुधीर चंद्र तिवारी विशेष सहयोग प्रदान कर रहे हैं,
वही प्रकांड पंडित और पूर्व शिक्षक श्री चांद नारायण भट्ट के सुपुत्र अजय भट्ट अपने सु मधर वाणी से संकीर्तन की प्रस्तुति देते आ रहे हैं,
वही मधुर भजन गायक पेशे से अधिवक्ता पंडित भूपेंद्र जोशी अपने मधुर भजनों से भक्तों को मंत्रमुग्ध करते आ रहे हैं,
ज्ञात रहे यह प्रख्यात भजन गायक स्वर्गीय पंडित रेवा शंकर जी जोशी के सुपुत्र है,
वही उपाध्याय परिवार से न्यायालय परिसर से सेवानिवृत्त श्री रमेश उपाध्याय के सुपुत्र श्रीकांत उपाध्याय अपनी मधुर आवाज एवं हारमोनियम पर उंगलीयो को सरपटता से चलाने के लिए प्रसिद्ध है, दादा दयालु सुंदरकांड मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं श्रेष्ठ भजन गायक राग भैरवी के जानकार श्री संतोष पवार भी परिवार सहित अपनी सेवाएं दे रहे हैं,
हमारे संवाददाता को पंडित श्री चांद नारायण जी भट्ट ने बताया कि, श्री दादा दयालु खेड़ापति हनुमान जी महाराज की कृपा से सरदारपुर नगर के बच्चे बच्चे में राम भक्ति की ओर लगन की भावना है,
जो पीढ़ियों से सरदारपुर नगर श्री राम भक्ति का प्रमाण रहा है।
रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र में आरंभ हुआ यह श्री राम नाम धून कीर्तन सप्ताह शनिवार श्री हनुमान जयंती तक अखंड रूप से चलेगा और उसके बाद हनुमान जी की रात्रि में शयन आरती के पश्चात भंडारे के साथ पूर्ण होगा।