मात पिता बंधु सब होई … संकट में पुछत नहीं कोई…………इंडियन न्यूज़ अड्डा……

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धर्मेंद्र श्रीवास्तव की……

धार्मिक रिपोर्ट-:🙏🙏  

    माता पिता बंधु सब होइ,संकट में पुछत नहीं कोई………………..

मनुष्य जीवन में सदैव सुख की कामना करता है,

दुखों को जीवन भर अपने से दूर रखना चाहता है,,

किंतु……..?????

मनुष्य के प्रारब्ध से……

उसे सुख और दुखों की प्राप्ति होती है,

इसी के अंतर्गत जब दुख बढ़ता है,

तो संकटों में वृद्धि हो जाती है,

और उस समय उसके मित्र भाई बंधु रिश्तेदार दूरियां बनाने लग जाते हैं ….

जब आप सुख को भोंगते हैं,

तो कई मित्र बन जाते हैं,

सभी लोग आप की वाहवाही करते हैं,

आप से निकटता बढ़ाते हैं,

किंतु जब आप आर्थिक विपन्नता के दौर से गुजरते हैं,

तब वही लोग आपसे दूरी बना लेते हैं,

उस दौरान हमें दूसरे के सुखों को देखकर दुखी नहीं होना चाहिए और अपने संकटों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए,,

प्रभु आराधना में लीन होकर अथक कर्म को आरंभ कर देना चाहिए,,

जिससे हमारे जीवन में सुख का प्रवेश आरंभ हो जाता है,

और हमारा जीवन धन्य बन जाता है,

इसीलिए शास्त्र भी कहते हैं,

मात पिता बंधु सब होई,

संकट में पुछत नहीं कोई,