यह दो टीमों के मध्य खेला जाता है, जिसमे पुरुष व महिला दोनों ही वर्ग भाग ले सकते है प्रत्येक टीम मे ग्यारह खिलाड़ी होते है तथा उनमे ही एक कप्तान होता है खेल कि अवधि 70 मिनट की होती है, जिसमे 35-35 मिनट की पारियां खेली जाती है। मध्यांतर में 5 मिनट का समय विश्राम के लिए होता है। प्रत्येक टीम में एक-एक गोलकीपर होता है, जिसका कार्य विपक्षी टीम द्वारा गोल करने की कोशिश को नाकाम करना होता है समय पूरा होने पर जो टीम सबसे अधिक गोल कर चुकी होती है, यह विजयी कहलाती है।
हॉकी स्टिक – हॉकी खेलने की स्टिक लकड़ी की बनी होती है, जो एक ओर से चपटी तथा दूसरी ओर से गोल होती है यह स्टिक नीचे से मुड़ी होती है। इसका वजन 652 ग्राम से 794 ग्राम तक होता है और लंबाई 36-37 इंच होती है।
गेंद – यह प्रायः ऊपर से देखने में सफ़ेद रंग की होती है, जिसके अंदर ठोस कार्क भरा होता है ऊपर से यह चमड़े से सिली हुई होती है इसका भार 5 1/2 औंस से 5 3/4 औँस के मध्य होता है और परिधि 8 13/16 से 9 1/4 इंच के मध्य होती है।
खेल का मैदान – मैदान 91.40 मीटर × 55 मीटर (100 × 60 यार्ड) के आयताकार क्षेत्र का होता है। दोनों छोर पर गोल पोस्ट होते हैं जिनकी ऊंचाई 2.14 मीटर (7 फीट) होती है और 3.66 मीटर (12 फुट) चौड़ाई होती है, यह खिलाडी के लिए लक्ष्य होता है। इसके साथ 23.90 मीटर (25 यार्ड ) दोनों छोर पर लाइन होती हैं और इतनी ही लम्बाई की लाइन मैदान के मध्य में (सेंटर लाइन) रहती है। पेनल्टी स्ट्रोक के लिए एक 0.15 मीटर (6 इंच) के व्यास का एक स्पॉट होता है जो की गोल पोस्ट के मध्य से 6.40 मीटर (7 यार्ड) पर स्थित होता है। शूटिंग सर्किल बेस लाइन से 15 मीटर (16 यार्ड ) की दूरी पर होता है। दोनों तरफ के गोल के खंभो में 16-16 गज की दूरी पर गोल रेखा होती है, जिसे ‘डी‘ कहा जाता है।
फ्री हिट – मैदान के जिस भाग पर कोई फाउल होता है, तो उसी स्थान से फ्री हिट ली जाती है आक्रामक खिलाड़ी फ्री हिट लगाने के पश्चात् तब तक गेंद को हिट नहीं कर सकता, जब तक कोई दूसरा खिलाड़ी गेंद को हिट न कर ले।
पुश इन – खेलते समय कई बार गेंद साइड लाइन से बाहर निकाल जाती है। उसे उसी स्थान से हिट करके वापस खेल में लाया जाता है। जिस पक्ष के खिलाड़ी से गेंद साइड लाइन से बाहर गई थी, उसके विरोधी पक्ष का कोई खिलाड़ी गेंद को हिट करता है। पुश इन के समय कोई भी खिलाड़ी 3 गज के घेरे में नहीं होना चाहिए।
लांग कॉर्नर – यदि कोई खिलाड़ी 25 गज की रेखा के भीतर गोल रेखा के बाहर गेंद फेंक देता है, तो आक्रामक खिलाड़ी को दंडस्वरुप कॉर्नर मिलता है। कॉर्नर में गेंद को साइड रेखा तथा गोल को मिलाने वाले कॉर्नर पर रखकर हिट किया जाता है।
पेनल्टी कॉर्नर – यदि 25 गज के अंदर खिलाड़ी जान-बूझकर नियम का उल्लंघन करता है, तो विपक्षी दल को पेनल्टी कॉर्नर दिया जा सकता है।
पेनल्टी स्ट्रोक – रक्षक टीम कोई खिलाड़ी जब डी के अंदर जान-बूझकर किसी नियम का उल्लंघन करता है, तो आक्रामक टीम को एक पेनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है। यह स्ट्रोक आक्रामक टीम के खिलाड़ी द्वारा गोल रेखा के सामने से 7 गज की दूरी से किया जाता है। इसे रक्षक टीम का केवल गोलकीपर ही रोकने की कोशिश करता है बाकी दोनों टीमों के खिलाड़ी नजदीक की सीमा-रेखा से 25 गज की दूरी पर रहते है।