विश्वविद्यालय सभागार में आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव
विश्व को तो हमने सब कुछ दिया लेकिन आज सवाल यह है कि हमने देश को क्या दिया
इंदौर । विश्वविद्यालय सभागार में आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव को संबोधित करते हुए भारतीय शिक्षा मंडल के राष्ट्रीय संघटन मंत्री मुकुल कानिटकर जी ने कहा कि आज 11 सितंबर का दिन हम सब के लिए विशेष है, क्योंकि 545 शब्दों का भाषण शिकागो में स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा आज ही के दिन 1893 में दिया गया था। जो कि भारत के पुनरुत्थान का दिन है। इस देश की प्रतिभा को 80 के दशक तक हमने ऐसी स्थिति में ला दिया था जो देश में रहना ही नहीं चाहता था। आज विश्व कि सभी बड़ी संस्था को भारतीय युवा ने शिखर पर पंहुचा दिया, विश्व को तो हमने सब कुछ दिया लेकिन आज सवाल यह है कि हमने देश को क्या दिया, जिस तरह हमने कोविड का सामना किया, वैक्सिनेशन के लिए जो हमने काम किया वह दुनिया मे कहीं नहीं है। इस देश मे जिसका जन्म हुआ है वह नेतृत्व करने के लिए ही पैदा हुआ है। वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व के सामने उपस्थित वैश्विक हिंसाचार, आतंकवाद ने सभी को नए सिरे से सोचने को मजबूर किया है, प्रान्त, देश की सीमा लांघकर विश्व के मजबूत दीवारों को भी हिंसाचार ने ढहा दिया है। आज सारा विश्व हिंसा से बचने के लिए सोच रहा है, लेकिन किसी देश की आपस मे नही बन रही। ऐसे में हिंदुस्तान ही एक मात्र देश है जो उपस्थित स्थिति पर समाधान दे सकता है। सम्पूर्ण विश्व ही भारत की और बड़े ही आशावादी दृष्टी से देख रहा है, वो इस लिए क्योकि इस देश की सहिष्णु, सर्वसमावेशी और मानवीय मूल्यों को वृद्धिगत करने वाली संस्कृति से सम्पूर्ण मानव जाति प्रभावित और आकर्षित है। इस देश का गौरव केवल मेरे द्वारा किये जा रहे प्रशंसा से नहीं है बल्कि विश्वविख्यात उन तमाम विदेशी महापुरुषों द्वारा लिखित उन तमाम दस्तावेजों में वर्णित है। ये किसी को बताने की जरुरत नहीं की अंतराष्ट्रीय मंच पर अपने संकुचित धारा के विवादों में रहने वाले मुस्लिम राष्ट्रों ने भी योग दिवस को मान्यता दी। इतना ही नहीं बल्कि आज मुस्लिम बहुल राष्ट्र भी भारत वर्ष की ओर उम्मीद से और एक भरोसेमंद साथी के रूप में देख रहा है। इस का कारण इस देश की वह महानतम सनातन संस्कृति ही जो सभी विचारधारा के लोगो को इस देश में स्वतंत्रता से जीवन विकास में सहायक है। इस पावन भूमि में ही सर्वे भवंतु सुखिनः की प्रार्थना होती है। वसुधैव कुटुंबकम का मन्त्र जाप होता है।
विश्व को हर संकट से मुक्ति अगर कोई देश दे सकता है वह हमारा देश है। यह पूरी बात देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के सभागार में 75 वें आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर “स्वतंत्र भारत का वैश्विक कर्तव्य” विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रखर वक्ता एवं विचारक राष्ट्रीय संगठन मंत्री भारतीय शिक्षण मंडल के मुकुल कानिटकर ने कही।
छः साल पहले विश्वगुरु बन चुका है भारत
हमारा देश लगभग 6 साल पहले विश्व गुरु बन चुका है और पूरा विश्व आज यह चाहता है कि हमारा देश नेतृत्व करें दुनिया के कई देश हमारे देश से सीख ले रहे हैं। हमारा देश ने 2020 में ही नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया। वहीं में आशा करता हूं, कि यहाँ के प्राध्यापक के गौरव से अब आने वाले समय में देवीअहिल्या विश्वविद्यालय ऐसा विश्वविद्यालय होगा जहां विदेशों से एडमिशन के लिए लाइन लगी रहेगी। आज हमारे देश की स्थिति यह है कि पूरा विश्व दोस्ती का हाँथ बढ़ा कर नेतृत्व के रूप में देख रहा है। ये हमारे देश की शक्ति है और ऋषिओ के ऋण से मुक्त होने के लिए अवसर है। नई शिक्षा नीति के विषय पर वृहद रूप से बताते हुए श्री मुकुल ने राष्ट्रकवि उज्जैन के श्रीकृष्ण सरल जी को भी याद किया और कहा कि आज हम सब को संकल्प लेना है, कि मैं इस देश के लिए क्या कर सकता हूं। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में सर्वोच्च आर्थिक शक्ति को दंभ भरने वाला देश, आतंकवाद के विरोध में वैचारिक संघर्ष की बात के साथ वर्तमान स्थिति की भी बात की। उन्होंने बताया की किस तरह हमारा भारत देश आर्थिक, सामरिक और बौद्धिक रूप से विश्व पटल पर नेतृत्व करने के लिए काबिल है, तथा पुरे विश्व के तमाम देश इस नेतृत्व को केवल जान और पहचान ही नहीं रहे बल्कि उसको स्वीकार भी कर रहे है। भारत वर्ष का वह विविधता पूर्ण, गहन ज्ञान उन ऋषिमुनियों के त्याग और बलिदान को दर्शाता है, आज सम्पूर्ण विश्व उस ज्ञान से अपनी पीड़ाओं से मुक्ति पाने के लिए लालायित हो रहा है। इस अलौकिक आनंद के क्षणों में हम सभी ने हर्षित होकर विश्व के प्रति अपने उत्तरदायित्व के प्रति सजग तथा पूर्णत्व करने के लिए तैयार रहना है।
वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर, कुलपति रेणु जैन, रजिस्ट्रार अनिल शर्मा के साथ सांसद शंकर लालवानी, क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय व विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीमती रेणु जैन जी, रजिस्ट्रार प्रो.अनिल शर्मा, संकायाध्यक्ष- छात्र कल्याण विभाग प्रो. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी जी, रेक्टर अशोक शर्मा जी तथा अन्य प्राध्यापक एवं कर्मचारी सहित छात्र-छात्राओं ने परिश्रम लिए।
इस कार्यक्रम के उपरांत श्री मुकुल कानिटकर जी ने विश्वविद्यालय के प्रत्रकारिता विभाग में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. वहा छात्रों -छात्राओं से चर्चा की एवं उन्हें मार्गदर्शन किया।
सरलजी बहुत सरल थे – मोहन यादव
आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा उज्जैन निवासी राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल जी इतने सरल थे जिन्होंने सिर्फ प्रकाशन के लिए अपना सब कुछ बेच दिया था। इसलिए दूसरे का छीन कर जो खाएं ये विकृत है और जो खुद भूखा रहकर दूसरे को खिलाएं ये हमारी संस्कृति है।
आजादी का यह महोत्सव स्वर्णिम बनाया जाएगा – उषा ठाकुर
आजादी के 75 वर्ष पर समुचित सम्मान के लिए मंत्री उषा ठाकुर ने सभी से आग्रह किया और कहा कि हर क्रांतिकारी के प्रतिमा पर प्रार्थना कर हमारे सहयोगी बने और मध्यप्रदेश के पूरे विभाग मिलकर आजादी के इस महोत्सव को स्वर्णिम बनाने के लिए सामने आए। श्रीकृष्ण सरल की कविता के माध्यम से पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने हर कहां मध्य प्रदेश के समस्त विद्यालय की दीवार पर महापुरुषों के छायाचित्र बनाए जाएंगे जिससे लाखों विद्यार्थियों से जुड़कर हम सब राष्ट्र के प्रति सराबोर हो जाएंगे। इसी कड़ी में अपने अभिभाषण के अंत में मंत्री ऊषा ने कहा आज हमारे साथ सब संकल्प लें कि प्रदेश का हर नागरिक 75 फलदार वृक्ष लगाकर आजादी का यह अमृत महोत्सव मनाने के लिए अग्रसर होंगे।
इंदौर ने जो भी किया, अद्भुत किया – तुलसीराम सिलावट
राष्ट्र में जब-जब बदलाव आया है उसकी बुनियाद शिक्षा होती है, क्योंकि भारत देश दुनिया का सबसे युवा देश है इसीलिए देश की हर सोच पूरी होती है। कई मां ने अपने बेटे खो दिए, बहन ने भाई खो दिए इसके बाद हमारे राष्ट्र को बनाने के लिए जिन्होंने बलिदान दिया आज उनको याद करने का दिन है। इसलिए महापुरुषों के तरुण त्याग बलिदान के लिए इसी भावना कल्पना और उद्देश्य को लेकर इंदौर जब भी कोई कार्य करता है अद्भुत करता है।