पीएम बोले- तबाही के बाद केदारनाथ का गौरव फिर लौटा, मैं सौभाग्यशाली कि मुझे सेवा का मौका मिला

अब पहाड़ के काम आएगा पहाड़ का पानी और जवानी – मोदी

मोदी बोले कि कहा जाता है कि पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी कभी पहाड़ के काम आता नहीं. अब पानी भी पहाड़ के काम आएगी. जवानी भी पहाड़ के काम आएगी. उत्तराखंड से पलायन को रोकना है. अगला दशक उत्तराखंड का है. मोदी बोले यहां पर्यटन को काफी बढ़ने वाला है. मोदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड में चार धामों से सड़क संपर्क और हेमकुंड साहिब के पास रोपवे सहित कई बुनियादी ढांचागत कार्यों की योजना है. यह दशक उत्तराखंड का है. अगले 10 वर्षों में, राज्य में पिछले 100 वर्षों की तुलना में अधिक पर्यटक आएंगे.

समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं

पीएम ने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि -इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि – समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है. कई सन्यासी हुए हैं जिन्होंने छोटे से कालखंड में युगों को गढ़ दिया. भारत इन महान विभूतियों की प्रेरणा पर चलता है. मोदी बोले कि लोग युवा पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम से जुड़े स्थानों के साथ-साथ केदारनाथ और इस जैसे अन्य पवित्र स्थानों पर भी लेकर जाएं.

आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्यागकर सशक्त परंपरा खड़ी की

पीएम बोले कि आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुनर्जागरण का काम किया। आदि शंकराचार्य सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की.

मोदी बोले – केदारनाथ के विकास कार्यों पर ड्रोन से रहती है नजर

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि वह केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों पर लगातार दिल्ली से नजर बनाकर रखते थे. वह ऐसा ड्रोन फुटेज के जरिए किया करते थे. विकास कार्यों में दिशा दिखाने के लिए पीएम ने वहां के सभी रावल-पिरोहितों का धन्यवाद किया.

पीएम ने बताया शंकर का ‘अर्थ’

केदारनाथ में पीएम मोदी ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ है- “शं करोति सः शंकरः’, यानी जो कल्याण करे, वही शंकर है. इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया. उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे.

ईश्वर की कृपा से हुआ केदारनाथ का विकास कार्य

मोदी बोले कि बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा. यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ. इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं.

केदारनाथ के कण-कण से जुड़ जाता हूं

बाबा केदारनाथ की शरण में जब भी आता हूं, यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं. यहां का वातावरण अलग अनुभूति में खींचकर ले जाता है, जिसको बयां नहीं किया जा सकता है. कल सैनिकों के साथ दिपावली मनाई. आज सैनिकों की जन्मभूमि पर हूं.

‘जय बाबा केदार’ के साथ पीएम मोदी का संबोधन शुरू

पीएम मोदी ने ‘जय बाबा केदार’ के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की है. मोदी बोले कि हमारा देश तो इतना विशाल है, इतनी महान ऋषि परंपरा है. एक से बढ़कर एक तपस्वी आज भी भारत के हर कोने में आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया पीएम मोदी का स्वागत

केदारनाथ में कुछ देर में पीएम मोदी का संबोधन शुरू होगा. पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में अपना संबोधन दिया. उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी को केदारनाथ मंदिर का स्मृति चिन्ह दिया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया. पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि 5 सालों में केदारनाथ में सैकड़ों रुपए के कार्य हुए. बद्रीनाथ धाम के लिए 245 करोड़ रुपए की धनराशि आपके (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) द्वारा स्वीकृत हुए है. गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी करोड़ों रुपए के कार्य स्वीकृत हो गए हैं.

Posted by :- Vishnu Rawal