महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर……
इंडियन न्यूज़ अड्डा से
धर्मेंद्र श्रीवास्तव की धार्मिक रिपोर्ट -:
(श्री शिवाय नमस्तुभ्यं) 🙏🙏
(हर हर महादेव)
भूत भगवान भगवान भोलेनाथ……….
यह सिद्ध हो चुका है, कि अखिल विश्व के पूजनीय देवता आदि अनादि भगवान शिव ही है,
और धर्म केवल सत्य सनातन है,
बाकी सारे पंथ,
शिव पुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने जगाया देश के साथ-साथ विश्व में आदि अनादि भगवान शिव की भक्ति का अलख……..
(रुद्राक्ष महोत्सव)
ने यह सिद्ध कर दिया है,
कि देवों के देव महादेव ही है,
नि:स्वार्थ भाव से भूत भावन भगवान भोलेनाथ की भक्ति का अलख जगाने वाले शिव पुराण कथावाचक पंडित, प्रदीप मिश्रा ने जन-जन में कालों के काल महाकाल मानवता की उत्पत्ति एवं उसके बीज में महादेव के होने का प्रमाण प्रस्तुत करके रख दिया, कलिकाल के प्रथम चरण में भक्ति भावना की ऐसी ज्योत जलाई की उसका दिव्य प्रकाश संसार भर में फैल गया,
भक्त जनों की आस्था और विश्वास का सैलाब
जन जन में जागृत होकर रुद्राक्ष महोत्सव के प्रथम दिन मैं दृष्टिपात हुआ,
शासन और प्रशासन की जड़े हिल गई,
और उन्हें यह लग गया आभास हो गया शिव की भक्ति में भाव विभोर भक्तों को शासन की व्यवस्था भक्तों को संभालने में पंगु है,
और उन्होंने शासकीय अमले का उपयोग करते हुए सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव को बीच में ही रोकने के आदेश जारी कर दिए,
भक्तों की आस्था और विश्वास के बीच सीमा रेखा खींच दी गई, भक्ति भावना, धर्म आस्था और विश्वास,
सत्य सनातन धर्म की अविरल गंगा जिसे पंडित मिश्रा ने सीहोर के छोटे से ग्राम,
(चीतावलिया हेमा)
से, प्रकट करके संपूर्ण संसार में अनवरत तेज बहाव के रूप में प्रस्तुत करके अपने आप को भागीरथ होना सिद्ध कर दिया है,
भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन हुए भक्तों का सैलाब सीहोर की ओर कूच कर गया,
और पतित पावनी मां गंगा के बहाव की तरह तेज गति से आगे बढ़ने लगा जिस पर प्रशासन की दृष्टि पड़ी और उन्होंने समय रहते यात्रा पर पूर्ण विराम लगा दिया, वर्तमान परिस्थिति को अपने विवेक से आंकलन कर पंडित मिश्रा ने भावुक होकर भक्तों से आवाहन कर जो जहां है वहीं से लौट जाने का निवेदन कर श्रेष्ठ मानव होने का प्रमाण दिया,
यह विशाल एवं भव्य (रुद्राक्ष महोत्सव) इस बात का प्रमाण है, कि अखिल विश्व में केवल और केवल धर्म सत्य सनातन धर्म है,
बाकी सारे पंथ, और हर पंथ की नींव में बीज रूप भगवान शिव है,
पंडित मिश्रा के कथा वाचन के पूर्व के वर्षों में हम जाए तो देखेंगे कि कई प्राचीन शिव मंदिरों में केवल और केवल विरानी दिखाई देती थी, सुनसान इलाकों में भगवान शिव के मंदिर आसपास गंदगी का साम्राज्य लिए शिव मंदिर क्षेत्र देखे जाते थे,
किंतु पंडित मिश्रा के मुखारविंद से धर्म की ऐसी गंगा बही की जन-जन में आस्था और विश्वास काअलख
जगा, उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का भक्तों ने अनुसरण किया और , शिव भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी,
धर्म विदूषक मिश्रा ने भक्तों को शिव मंदिरों पर साफ सफाई और शुद्धता रखने का संदेश दिया,
जिसका अनुसरण भक्तों ने किया और आज शिव मंदिरों के प्रांगण में,
मंदिर के गर्भ गृह में, मंदिर के पंडालों में साफ सफाई और शुद्धता का दिव्य दर्शन होने लगा,
आज पंडित मिश्रा एक कथा वाचक से,
भगवान शिव की कृपा से महान संत घोषित हो गए!