(10 अप्रैल 2022) की रामनवमी🚩🚩 भारतवर्ष की राजा भरत की, इंडियन न्यूज़ अड्डा से, धर्मेंद्र श्रीवास्तव की धार्मिक रिपोर्ट,

धर्मेंद्र श्रीवास्तव (सनातनी) 🚩🚩

की धार्मिक रिपोर्ट-: ✍️✍️

जय जय सियाराम….. 🚩🚩

 दीनदयाल विरद संभारी! 

हरहु नाथ मम संकट भारी!!

निर्मल मन जन सो मोहि पावा! 

मोहि कपट छल छिद्र न भावा!!

सावधान मन कर पुनि शंकर, 

लागे कहन कथा अति सुंदर,,

रामहि केवल प्रेम पियारा,

जपत जपत, भवर सिंधु पारा, 

“10 अप्रैल रविवार 2022”   

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    की रामनवमी भारतवर्ष की, राजा भरत की………    🚩🚩 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩                                             

500 वर्षों के अथक प्रयासों एवं सत्य सनातन धर्म के अनुयायियों, प्रभु श्री राम के अनन्य भक्तों के प्रयास से, संगीनों के…… 🚩🚩                                                   साए में रक्त रंजित होते लहूलुहान होते शरीरों की तपस्या से आज आया है,                                  स्वर्णिम युग,,   💐💐                                                 

  यह राम का जन्म महोत्सव……. 🚩🚩💐💐

(सनातनी) 🚩🚩🚩💐💐💐🚩🚩🚩🚩            त्योहारों की, होली, दिवाली, राखी, नवरात्रा एवं सनातनी बंधुओं के द्वारा मनाए जाने वाले समस्त त्योहारों का आनंद रामनवमी के दिन लेने का पल आया है, 🚩🚩🚩💐💐💐

1947के दशकों के बाद जहां तत्कालीन सरकारों ने विधर्मीओ के साथ मिलकर प्रभु राम के गौरव गान को दबाए रखा, भगवा ध्वज के उपयोग पर अखिल ब्रह्मांड में प्रभु राम के चरमोत्कर्ष एवं मर्यादा का बखान करने वाली उस ध्वजा को लेकर निकलने वाले हर सनातनी हिंदू को सांप्रदायिक समझा जाता था,                   आज जब देश के न्यायालय ने अपने विवेक का…. ✍️🚩✍️

उपयोग करके रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण का आदेश दिया तो पूरे विश्व में दिवाली हो गई,

शास्त्र प्रमाण है, 🚩🚩

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम किसी धर्म जाति वर्ग या संप्रदाय से बंधे हुए नहीं है,

उनका राज्य तंत्र राजतंत्र ना होकर वर्तमान में प्रजातंत्र की बहुत बड़ी मिसाल है,

प्रभु राम के समकालीन महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण एवं गोस्वामी तुलसीदास जी कृत अखंड श्रीरामचरितमानस दिव्य ग्रंथ इसके प्रमाण है,

“वसुदेव कुटुंबकम” 🚩🚩

यह भारत की सोच है, 🚩🚩

जो पूरे ब्रह्मांड को अपने रह्दय में समाहित करती है, मनुष्य तो ठीक जड़, चेतन, चराचर, प्रकृति को भी पूजने का प्रमाण देती है, 💐💐

जहां एक ओर,

वहीं दूसरी ओर,

सनातनी हिंदुओं के मंदिरों में लगभग 99% मंदिरों में सभी धर्म जाति वर्ग के लोगों का प्रवेश स्वीकार्य है,

वही कुछ पंथ के इबादत स्थलों पर अन्य धर्म एवं जाति वर्ग के लोगों का प्रवेश वर्जित है,

इससे यह दृष्टिपात होता है, कि कहीं ना कहीं इन विधर्मीयो का धर्म, धर्म की आड़ में दुराचार अत्याचार और रक्त रंजित कर देने की प्रेरणा देता है,

इस रामनवमी से पुनः अखिल ब्रह्मांड में धर्म युग का आरंभ हो रहा है,

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की मर्यादा का प्रसार हो रहा है,🚩🚩

अयोध्या-:  सतयुग, त्रेता, द्वापर और युगो- युगो तक प्रभु श्री राम की थी, कलयुग में पुनः चरमोत्कर्ष प्राप्त कर युगो- युगो तक प्रभु राम की ही रहेगी,🚩🚩

आतताई आए और चले गए किंतु अयोध्या का भव्य विशाल वैभव चिरकाल से वैभव पूर्ण था आज भी रहेगा और आने वाले युगो युगो तक रहेगा,

शास्त्र प्रमाण है,

पतित पावनी मां गंगा इन्हीं के कुल के गीरथ की तपस्या के प्रमाण से प्रकट होकर मनुष्य के पापों को धो रही है,

इस रामनवमी राम जन्मोत्सव पर हर एक सनातनी बंधु के मुख्य द्वार पर दीप प्रज्वलित होना चाहिए,

और हर भवन की प्राचीर पर भगवा ध्वजा लहरना चाहिए,🚩🚩🚩🚩🚩💐💐💐🚩🚩🚩

जो प्रभु राम के भव्य मंदिर निर्माण की विजय का प्रतीक होगा…