इंडियन न्यूज़ अड्डा से,
धर्मेंद्र श्रीवास्तव की धार्मिक रिपोर्ट-:
अत्यंत प्राचीन और धार्मिक शिवालय,
जहां होती है, हर मनोकामनाएं पूरी,
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श्रावण मास में उमड़ता है,
भक्तों का जनसैलाब,
सरदारपुर से दक्षिण दिशा की ओर दूरी 3 किलोमीटर,
आस्था और विश्वास का प्रतीक बड़केश्वर महादेव………
किवदंती में (झिरणेशवर महादेव)…🙏
स्कंद पुराण में वर्णन है,
शिव पुराण में वर्णन है, कि बरगद के वृक्ष नीचे स्थापित शिवलिंग बड़केश्वर, महादेव कहलाता है, इनकी भक्ति से कर दे से मिलती हम्टी
सरदारपुर से 3 किलोमीटर दक्षिण में फोरलेन चौकड़ी से भोपावर रोड पर,
बाएं हाथ की ओर माही तट पर स्थित अति प्राचीन यह पाषाण काले पत्थर से निर्मित शिवलिंग अत्यंत चमत्कारिक एवं मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करने वाला है,
महाशिवरात्रि पर लगता है,
यहां भव्य मेला श्रावण में भक्तों का लगता है,ताता
भक्तजन माही जल से करते हैं,
शिव का रुद्राभिषेक शिवलिंग के बाई और सिद्ध संत की है समाधि ,
वही शिवलिंग के पूर्व भाग में हनुमान जी विराजमान, किवदंतीओं में कथाएं प्रचलित पांडव कालीन है शिवलिंग,
माही के तट की ओर झुका हुआ है,
(शिवलिंग)
यह अष्टपदी शिवलिंग भी कहलाता है,
विशाल खंभों से आच्छादित,
विशाल गर्भ ग्रह में प्रवेश करते ही,
भक्तों को होता है, शांति का अनुभव,
नमः शिवाय के उच्चारण से मन को मिलती है शांति,
होती है, सारी मनोकामनाएं पूर्ण,
गुप्त रूप से माही नदी इस क्षेत्र में अनवरत बहती है, आसपास के क्षेत्र में 15 से 20 हाथों की खुदाई पर कुआं में आ जाता है जल, माही जल से शिव का अभिषेक करने से हजारों गुना मिलता है फल, कर्ज मुक्ति के लिए ऐसे शिवलिंग पर जल चढ़ाने से होती है कर्ज से मुक्ति,
मिलते हैं प्रमाण,
शिव एवं स्कंध पुराण में,
इस अति प्राचीन शिवलिंग के दर्शन मात्र से मनुष्य के सारे कष्ट होते हैं, दूर……
स्कंद पुराण के कुमारीका खंड में वर्णित शिवलिंग के प्रमाण के साथ इस शिवलिंग का प्रमाण भी, क्षेत्र में भ्रमण करते हैं स्वर्णिम रंग के विशालकाय नाग महाराज, भक्तों ने किए कई बार दर्शन,
कुमार पाट निवासी सत्यनारायण पेंटर बताते हैं,
कि यह शिवलिंग अत्यंत चमत्कारिक और मनोकामना को पूर्ण करने वाला है, राजगढ़ नगर के व्यापारियों कि इस स्थान से है विशेष आस्था,
क्षेत्र के देवी शक्ति प्राप्त श्री सुभाष दादा भी यहां करते हैं, अनुष्ठान,
भक्तजनों को अदृश्य शक्ति के होने का होता है आभास,