रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने देश को आश्वस्त किया है कि हमने हर तरह की मिसाइल बनने की क्षमता हासिल कर ली है। सेना को जैसी मिसाइल चाहिए, हम उन्हें बनाकर देंगे। डीआरडीओ ने हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य, ज्यादा रेंज वाली ब्रह्मोस, परमाणु क्षमता युक्त बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी, हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट व्हीकल्स, एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-1 और सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो वेपन सिस्टम का सफल परीक्षण किया है।
रेड्डी बोले, सेना जैसी मिसाइल मांगे हम बनाकर देंगे
डॉ. रेड्डी ने बताया, एक के बाद एक 10 मिसाइलों का सफल परीक्षण किया गया। हाल ही में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक के लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है। डीआरडीओ प्रमुख ने बताया कि परीक्षण का मुख्य उद्देश्य मिसाइल निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। डॉ. रेड्डी ने कहा, भारत पिछले पांच-छह सालों में मिसाइल सिस्टम के क्षेत्र में जितना आगे बढ़ा है, उससे हमें पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल हो चुकी है। मिसाइल निर्माण क्षेत्र की निजी कंपनियां भी उन्नत हो चुकी हैं। वो अब हमारे साथ साझेदारी करने में सक्षम हैं और जरूरतों के मुताबिक मिसाइल बना सकती हैं।
स्मार्ट हथियारों से दुश्मन की पनडुब्बियों पर नजर
भारत ने सैन्य अभ्यास के तहत देश में विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है। उन्होंने कहा, सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल परीक्षण किया गया। रेड्डी ने बताया, यह हथियार प्रणाली नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को बढ़ाएगी।
डिफेंस सेक्टर में भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है। भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जिसके पास ये तकनीक है। एक नजर अभी भारत के पास मौजूद अलग-अलग तरह की मिसाइलों पर।
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
क्रूज मिसाइलों का टारगेट या तो पहले से तय रहता है या फिर वे लोकेट करती हैं। इनमें एक गाइडेंस सिस्टम लगा होता है। इन्हें जमीन, हवा या पानी कहीं से भी छोड़ा जा सकता है। यह सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक स्पीड से चल सकती हैं। बाकी मिसाइलों के मुकाबले ये जमीन के काफी नजदीक रहती हैं इसलिए उन्हें ऐंटी-मिसाइल सिस्टम जल्दी पकड़ नहीं पाते। भारत के पास ब्रह्मोस जैसी उन्नत क्रूज मिसाइल है जिसके दूसरे संस्करण का भी सफल टेस्ट हो चुका है। ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल हैं। इसके अलावा स्वदेशी प्रपल्शन सिस्टम के साथ बनी निर्भय क्रूज मिसाइल भी टेस्ट की जा चुकी है।
भारत के पास हैं बहुत सारी बैलिस्टिक मिसाइलें
बैलिस्टिक मिसाइल को सीधे धरती के वायुमंडल की ऊपरी परत में छोड़ा जाता है। वे वायुमंडल के बाहर चलती हैं और वारहेड मिसाइल से डटेच हो जाता है और टारगेट पर गिरता है। ये रॉकेट से प्रॉपेल किए जाने वाले सेल्फ-गाइडेड वेपन सिस्टम होते हैं जो न्यूक्लियर बम भी ले जा सकते हैं। इनको जमीन के अलावा एयरक्राफ्ट, जहाज या पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है। भारत के पास अग्नि, पृथ्वी, के-4,5,6, सूर्या, सागरिका, प्रहार, धनुष जैसी बैलिस्टिक मिसाइल है।
अग्नि – परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें वे मिसाइलें होती हैं जिनकी रेंज कम से कम 5,500 किलोमीटर होती है। यह अपने साथ न्यूक्लियर व अन्य पेलोड्स ले जा सकती हैं। भारत के अलावा अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, नॉर्थ कोरिया के पास ही ICBM हैं। साल 2018 में भारत ने 5,000 किलोमीटर रेंज वाली अग्नि का सफल टेस्ट किया। यह मिसाइल अपने साथ न्यूक्लियर वारहेड ले जा सकती है।
सैटेलाइट्स उड़ाने वाली मिसाइलें भी हमारे पास
भारत ने पिछले साल अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स उड़ाने की क्षमता हासिल कर ली थी। हम दुनिया के उन चुनिंदा देशों में हैं जिनके पास यह पावर है। ऐंटी-सैटेलाइट मिसाइल्स दुश्मन देश के सैटेलाइट को बेकार या पूरी तरह खत्म भी कर सकती हैं। इसके अलावा ऐसे जैमर्स भी ऐंटी-सैटेलाइट वेपंस होते हैं जो सैटेलाइट्स के सिग्नल को जाम कर देते हैं।
रुद्रम-1 दुश्मन के रडार का पता लगाकर नेस्तनाबूद करने में सक्षम
हाल ही में लड़ाकू विमान से दागी गई विकिरणरोधी रुद्रम-1 मिसाइल से वायुसेना की मजबूती में और इजाफा होगा। इससे न केवल दुश्मन के रडार का पता लगाने, बल्कि उसके सर्विलांस और एयर डिफेंस सिस्टम को नेस्तनाबूद करने की क्षमता भी प्राप्त होगी। डॉ. रेड्डी ने कहा, रुद्रम की विशेषता साबित करने के लिए कुछ और परीक्षण होना बाकी है।
MRSAM मिसाइल
इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान ने इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की मदद से तैयार किया है. MRSAM का निर्माण भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने किया है. MRSAM मिसाइल अपनी 70 किलोमीटर की रेंज में आने वाली किसी भी मिसाइल, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन को मार गिरा सकती है। यह मिसाइल हर मौसम में काम कर सकती है और 360 डिग्री पर घूम कर दुश्मन पर हमला कर सकती है।