शक्ति संचय का महापर्व नवरात्र। संकलन धर्मेंद्र श्रीवास्तव,

शक्ति संचय का महापर्व नवरात्र….. (विशिष्ट धार्मिक )

संकलन-:  धर्मेंद्र श्रीवास्तव……

तप और आराधना का महापर्व नवरात्र, ऊर्जा संचय का महापर्व नवरात्र,

पाखंड से दूर रहने का,

(महापर्व नवरात्र) आइए भक्तजन मैं आपको ले चलता हूं…….

शक्ति संचय के महापर्व में छुपे ऊर्जा को प्राप्त करने के रहस्य की ओर……

 देवी भक्तजन…..

 सादर,

 जय माता दी,

कवि ,लेखक, नेता ,राजनेता,

शिक्षक, अधिवक्ता,

मानव जाति में निवास करने वाले समस्त मानव,

महिला, पुरुष, विद्यार्थी ,बच्चे ,

सत्य सनातन धर्म में शक्ति संचय की पराकाष्ठा है,

(नवरात्र)

समस्त जनों को लेकर इन उज्जवल भक्ति और ऊर्जावान शक्तिशाली दिनों का भरपूर सदुपयोग करते हुए,

शक्ति संचय का कार्य करना चाहिए,

“मां आदिशक्ति””

शक्ति प्रवाह का केंद्र बिंदु है…

शक्ति संग्रहण के लिए,,

ऊर्जा संग्रहण के लिए,,

(यह 9 दिन विशिष्ट हैैl)

शक्ति संचय के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिसमें भक्ति, स्वाभिमान, कर्तव्यनिष्ठता, राष्ट्र गौरव, देश भक्ति,

इसके उदाहरण है,

ध्रुव, प्रहलाद,

भगवान श्री कृष्ण की गोपी,

गोस्वामी तुलसीदास,

वाल्मीकि जी,

भीम और अर्जुन ,

हरिश्चंद्र, युधिष्ठिर ,

ब्रह्मचर्य का प्रमाण भीष्म पितामह,

अष्ट सिद्धि नव निधि के धारक श्री हनुमान ,तो सेवा शक्ति के प्रतीक हैं, ही शक्ति जब योग और ध्यान में उतरी तो गौतम बुद्ध हो गए, शक्ति को धारण करने वाले ऐसे अनेक उदाहरण है,

आए आज अखिल ब्रह्मांड की समस्त मानव जाति योग ध्यान और भक्ति की, पराकाष्ठा को, एकाग्रतापूर्वक ग्रहण करें, और अपने जीवन को शक्तिशाली बनाएं, तप और आराधना से करें शक्ति का अक्षय संचय,

ऊर्जा और शक्ति के संचय के लिए श्री दुर्गा सप्तशती श्री दुर्गा चालीसा एवं मां के अन्य अन्य स्रोत का जब एवं पठन करें दिखावे एवं आधुनिकता से दूर रहकर मां की शरण में धर्म अर्थ काम मोक्ष और आरोग्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न ग्रंथों का पवित्रता के साथ पारायण करें ,

ब्ररह्मचर्य का अनुसरण करते हुए, जप एवं तप के माध्यम से मां को प्रसन्न करें।