रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाएगा दर्शन प्वाइंट अयोध्या।
भक्तों को जल्द ही भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण देखने का पुण्य लाभ मिलेगा। अयोध्या में प्रतिदिन आने वाले भक्तों के मन में यही लालसा रहती है कि मंदिर निर्माण की एक झलक देखने को मिल जाती। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भक्तों की इस लालसा को पूरी करने की योजना बना रहा है। इसके तहत निर्माण कार्य को देखने के लिए दर्शन प्वाइंट बनाए जाने का प्रस्ताव है। स्थान को चिह्नित करने का कार्य शुरू हो गया है। ट्रस्ट के सदस्यों के बीच इस पर कई चक्रों में वार्ता भी हुई है। दर्शन प्वाइंट ऐसे स्थान पर बनाए जाने की तैयारी है, जिससे वैकल्पिक गर्भगृह के रास्ते पर आते-जाते समय भक्त निर्माणाधीन पूरी साइट को आसानी से देख सकें। हालांकि, कोई भक्त निर्माण कार्य के समीप नहीं जा सकेगा और न ही निर्माण की प्रक्रिया से जुड़े लोगों से वार्ता कर सकेगा। तय प्वाइंट से निर्माण कार्य वाली दिशा में लोहे की जालियां लगाई जाएंगी। इन्हीं जालियों के भीतर से भक्त निर्माण कार्य का अवलोकन कर सकेंगे। रामभक्त नींव की भराई का कार्य भी देख सकेंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने ट्रस्ट के अन्य सदस्यों से इस पर राय ली है। वह चाहते हैं कि जो भी रामभक्त रामलला का दर्शन करने आएं, वो मंदिर के निर्माण कार्य को अवश्य ही देखें।
अब पांच गुंबदों की भव्यता के साथ दोगुने आकार का होगा राममंदिर
ट्रस्ट ने मंदिर की ऊंचाई अब 128 फीट से बढ़ाकर 161 फीट तय की है, जबकि लंबाई 268.5 फीट से बढ़कर अब 280 से 300 फीट के बीच आ रही है। लेकिन सबसे अधिक बदलाव मंदिर की चौड़ाई को लेकर है, इसकी वजह तीन गुंबदों का बढ़ना है। पहले चौड़ाई 140 फीट थी, जो बढ़कर 272 फीट से 280 फीट के बीच हो रही है। इस बदलाव से पहले जहां मंदिर की एरिया 37 हजार 590 फीट था, वहीं अब 76 हजार से 84 हजार के बीच हो जाएगा। आकार अब करीब दोगुना बढ़ जाने से शिलाओं की जरूरत से लेकर आकार-प्रकार का नए सिरे से मूल्यांकन किया जा रहा है। मंदिर की ऊंचाई 33 फीट बढ़ने एक तल बढ़ाना पड़ा है, हालांकि वह खाली रहेगा। श्री सोमपुरा ने कहा कि इन सब बदलाव से मंदिर के मॉडल में कोई बदलाव नहीं आएगा। उनका कहना था कि मंदिर निर्माण में ढाई साल का समय आंका गया है, इसके लिए एनबीसीसी व एलएंडटी को युद्धस्तर पर काम के साथ राजस्थान की भरतपुर की खदानों से पत्थरों की निकासी से लेकर तराशी में कारीगरों की भारी-भरकम टीम जुटेगी।
राम मंदिर की नींव खुदाई से निकली मिट्टी की बढ़ी डिमांड, बनाई गई छोटी डिब्बियां
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य जारी है। मंदिर की नींव खोदकर उसकी मिट्टी सहेजी जा रही है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नींव की खुदाई से निकली मिट्टी को राम मंदिर की धरोहर का रूप घर-घर पहुंचाने की योजना पर काम कर रहा है। यहां रामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी पवित्र रजकण के तौर पर गर्भ गृह से निकली मिट्टी डिब्बी दी जा रही है। इस मिट्टी को राम जन्मभूमि परिसर समेत अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है। हालांकि इस मिट्टी को देने के लिए जो खास डिब्बे बनाए गए हैं वह चुनिंदा और खास लोगों को ही दिए जा रहे हैं। शेष श्रद्धालुओं को मिट्टी ले जाने के लिए बर्तन खुद ही उपलब्ध कराना पड़ता है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि राम मंदिर निर्माण से निकली मिट्टी राम सेवक पुरम में रखी है। मठ मंदिरों के संतों वे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने राम मंदिर स्थल से मिले रजकण की मांग की है जिसे छोटी डिब्बी में पैक करके कारसेवक पुरम से वितरित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राममंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई में निकली मिट्टी भक्तों के लिए आस्था की प्रतीक बन गई है। इसीलिए ट्रस्ट ने इस मिट्टी को रामजन्मभूमि रजकण नाम दिया है। गर्भगृह व मंदिर परिसर से निकली मिट्टी को छोटी-छोटी डिब्बियों में पैक किया गया है। ट्रस्ट का कहना है, कि राम जन्म भूमि का गर्भ ग्रह का स्थान ऐसा है जिस पर बहुत लोगों ने बलिदान दिया है, और बहुत ही संघर्ष के बाद आज यह दिन देखने को मिल रहा है। तो स्वभाविक है उसकी गर्भग्रह की मिट्टी से लोगों को प्रेम है।