भारतवर्ष के कई हिस्सों में,(2025) तक भूमिगत जल कम होकर, समाप्ति की ओर पहुंच जाएगा, अभी कर लो जतन, जल बचाने का,नहीं तो, पछताना पड़ेगा कल, धर्मेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट,

 संपूर्ण विश्व में केवल और केवल 1% जल ही समस्त कामों में उपयोगी,

इसके अंतर्गत नदी तालाब एवं समस्त जलस्रोत आते हैं……..

संपूर्ण विश्व में 97% सामुद्रिक जल,

संपूर्ण विश्व में ,2% बर्फीला जल,

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जल को लेकरभविष्य में होने वाली चिंता पर आधारित,

धर्मेंद्र श्रीवास्तव की, महत्वपूर्णरिपोर्ट-:…………✍️

विश्व के अन्य देशों से अधिक भारत में भूमिगत जल का दोहन,

(2025)

तक भारतवर्ष के कई राज्यों में भूमिगत जल हो जाएगा न्यूनतम ,

पूर्वी और उत्तरी राज्यों में आएगी अत्यधिक परेशानी,

देश के कई हिस्सों में रहेगा जल का संकट,

देश की 40% से अधिक आबादी लगभग 60 करोड लोग जीवन यापन के लिए कृषि पर निर्भर है , आधी से थोड़ी ज्यादा कृषि भूमि सिंचित नहीं है ,

एक महत्वपूर्ण स्टडी के अनुसार भारतवर्ष के मध्य भाग में 1950 से लेकर 2015 के बीच वर्षा में 10% की गिरावट हुई है,

दूसरी ओर इस अवधि में बहुत अधिक भारी वर्षा की घटनाओं में 75% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है,

भारी वर्षा भूमि के अंदर पहुंचकर मिट्टी को नम नहीं करती बल्कि उसका क्षरण करने लग जाती है ,और फसलों को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाती है, वर्षा की अवधि कम होने से सूखे मौसम का दौर लंबा चलता है,

इस वर्ष कोलकाता में 61 दिनों तक बिल्कुल भी वर्षा नहीं हुई है,

देश में बहुत अधिक ट्यूबवेल खनन हो रहा है,

हरित क्रांति को लेकर भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है,

भारतवर्ष में यह उपयोग अमेरिका और चीन मिलकर जितना करते हैं,

उससे कई गुना अधिक है,

एक महत्वपूर्ण स्टडी के अनुसार … सर्वेक्षण में यह पाया गया है,

कि (2025)तक उत्तर पश्चिम दक्षिण भारत और भारत के कई हिस्सों में भूमिगत जल की उपलब्धता बहुत कम या शून्य स्तर पर चली जाएगी, यूनिसेफ के सर्वेक्षण के अनुसार आधे से कम भारतीयों को ही सुरक्षित साफ एवं स्वच्छ जल मिलता है, देश के अधिकांश हिस्सों में भूमिगत पानी में फ्लोराइड की मात्रा अत्यधिक है, अधिक फ्लोराइड की मात्रा होने के कारण हड्डियों और जोड़ के टेढ़े मेढ़े होने की बीमारी फ्लोरोसिस होती है, ढाई करोड़ लोग बीमारी से पीड़ित है, और 6 करोड़ 60 लाख लोगों के प्रभावित होने का खतरा है,

भारतवर्ष की वर्तमान सरकार इस संकट से निपटने के लिए सार्थक प्रयास कर रही है,

अगले 5 वर्षों में भारतवर्ष के सभी ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाएगा,

इस कार्य को संपादित करने के लिए सरकार ने, (3.59 लाख करोड रुपए) धनराशि का प्रावधान किया है ,

अनाज की पैदावार करने वाले प्रमुख राज्यों के लिए कम जमीनी पानी निकालने के लिए .. नगद प्रोत्साहन सहित कई योजनाएं आरंभ की गई है, इसलिए दुनिया के 18% आबादी वाले देश के लिए विश्व के केवल 4% पानी की उपलब्धता को देखते हुए पानी की हर बूंद अनमोल और अमूल्य है ,दूषित पानी के उपयोग से,

2019 में,

देश में (500000)

मौतें हुई है……..

देश के 209 जिले में भूमिगत जल में आर्सेनिक की मात्रा पाई गई है,

सर्वे करने वाली संस्था का कहना है,

कि लंबे समय तक उपरोक्त रासायनिक जल का सेवन करने से देश के लोगों में कैंसर रोग और  फेफड़ों से संबंधित बीमारियां फैल रही है, ज्ञात रहे संपूर्ण विश्व में,

(97%)

सामुद्रिक जल….

(2%)

बर्फीला जल…

और केवल और केवल …

(1%)

जल ही….

नदियों तालाबों और अन्य स्रोतों को मिलाकर हमारे पास है, जिसे हम दैनिक जीवन के उपयोग में लेते हैं,

इसके अंतर्गत कृषि और विभिन्न कारखानों में उपयोग होने वाला ….

जल भी….

 

(1%) जल के माध्यम से उपयोग में आता है, जो उपरोक्त स्रोतों से लिया जाता है……..

जल संरक्षण को लाना है,

आने वाले जल संकट को मिटाना है!